एस के श्रीवास्तव विकास
वाराणसी/-सिधौना में सोमवार को प्रख्यात साहित्यकार एवं शिक्षाविद स्व डॉ राजबिहारी मिश्र की सातवीं पुण्यतिथि श्रद्धाभाव के साथ मनाई गई।इस अवसर पर क्षेत्र के साहित्यप्रेमी,शिक्षाविद,छात्र और सम्मानित नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत डॉ मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।उपस्थित वक्ताओं ने उनके साहित्यिक योगदान और शिक्षण कार्यों को समाज के लिए अमूल्य बताया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडवोकेट राजेश मिश्र ने कहा कि डॉक्टर राजबिहारी मिश्र ने अपने लेखन के माध्यम से समाज में जागरूकता और नैतिकता के बीज बोए।

उनके साहित्य में भारतीय संस्कृति,ग्रामीण जीवन और मानवीय संवेदनाओं की झलक मिलती है। ब्रह्म राष्ट्र एकम महा संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री उपेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि वे केवल लेखक नहीं,बल्कि एक सच्चे मार्गदर्शक और प्रेरक व्यक्तित्व थे।उनकी रचनाएं सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती हैं।करुणाशंकर मिश्र ने कहा कि डॉ राजबिहारी मिश्र की रचनाएं अन्याय के विरोध की पक्षधर हैं।नई पीढ़ी को उनके विचारों और जीवन से सीख लेकर साहित्य और समाज दोनों ही क्षेत्रों में योगदान देना चाहिए।कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने डॉ मिश्र के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों पर चलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन अनिमेष मिश्र ने किया।इस दौरान सरकार मिश्र,अखिलेश मिश्र,बजरंगी मिश्र,सुभाष दीक्षित,रोहित मिश्र,सुनील यादव,विशाल,विश्वास सिंह आदि मौजूद रहे।


